बालासोर सहित कई जिलों में बाढ़ का कहर, 3,600 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया

 बालासोर: उत्तरी ओडिशा के बालासोर जिले में सुंदररेखा और जलाका नदियों में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है. जलासोर, भोगराई, बस्ता और बलियापाल ब्लॉक के कई गांव जलमग्न हो गए हैं. प्रशासन की ओर से अब तक 3,656 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है, लेकिन जनजीवन अभी भी पूरी तरह अस्त-व्यस्त है.

बाढ़ में बहकर एक व्यक्ति की मौत
बस्ता ब्लॉक के बासी चकुराई पंचायत के कलंदा गांव निवासी 50 वर्षीय शत्रुघ्न बिंधनी की बाढ़ के पानी में बहने से मौत हो गई. बताया गया कि वे बाजार से लौटते वक्त जलाका नदी में गिर गए थे. परिवार ने रातभर उनकी खोजबीन की, लेकिन सफलता नहीं मिली. अगली सुबह NDRF, अग्निशमन और पुलिस की टीम ने लगभग 20 फीट गहरी नदी से उनका शव बरामद किया.

फसल बर्बाद, किसानों की चिंता बढ़ी
बाढ़ का सबसे गंभीर प्रभाव किसानों पर पड़ा है. हजारों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है. स्थानीय किसान पीतांबर जेना ने कहा, “मैंने 100 रुपये किलो के हिसाब से बीज खरीदे और बुवाई की थी. अब सबकुछ डूब गया है. अब फिर से बीज खरीदकर बोना पड़ेगा.”

कमलाकांत जेना, जो कि निमा गांव के किसान हैं, ने बताया, “मेरी चार एकड़ जमीन डूब गई है, अब खेतों में घुटनों तक पानी है. हमें फिर से जमीन तैयार करनी पड़ेगी, बीज भी दोबारा खरीदने होंगे. सरकार से कोई राहत नहीं मिली है.”

प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
बस्ता की विधायक सुभाषिनी जेना ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, “अगर प्रशासन ने समय पर चेतावनी दी होती और रास्ते बंद कर दिए होते, तो यह जान नहीं जाती. सुंदररेखा में यह तीसरी बार बाढ़ आई है. किसान बर्बाद हो गए हैं. सरकार को तुरंत मुआवज़ा देना चाहिए.”

बैतरणी नदी भी उफान पर, तीन ब्लॉक अलर्ट पर
बैतरणी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. अखावापाड़ा में यह खतरे के निशान 17.83 मीटर को पार कर गया है. जाजपुर जिले के दशरथपुर, बिंझारपुर और कोरे ब्लॉकों में डर का माहौल है. जिला कलेक्टर पी. अन्वेषा रेड्डी ने सभी अधिकारियों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है.

राजस्व मंत्री का बयान: जल्द होगा आकलन
राजस्व मंत्री ने मीडिया को बताया, “बारिश में कमी आने के कारण जलस्तर घट रहा है, लेकिन अगले 24 घंटे बेहद अहम हैं. जैसे ही पानी उतरेगा, नुकसान का आकलन शुरू कर मुआवज़ा दिया जाएगा.”

उत्तर बालासोर की जनता अभी भी बाढ़ के संकट से जूझ रही है. प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है, परंतु स्थानीय जनता को अधिक त्वरित सहायता और पारदर्शी मुआवज़ा प्रक्रिया की दरकार है. किसान समुदाय विशेष रूप से संकट में है और सरकार से तत्काल राहत की मांग कर रहा है.

 


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