नई दिल्ली।।अंडमान सागर में मिला अनुमानित 11.6 अरब बैरल तेल भंडार भारत की ऊर्जा नीति में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।हालांकि अभी यह प्राथमिक अनुमान हैं,लेकिन विशेषज्ञ इसे भविष्य के ऊर्जा परिदृश्य में संभावनाओं का द्वार मान रहे हैं।
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी के अनुसार, इस खोज से भारत की जीडीपी में पांच गुना तक वृद्धि संभव है। लेकिन क्या वाकई इस खोज के व्यावसायिक दोहन से भारत वैश्विक तेल बाजार में अपनी जगह बना सकेगा?
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव की रिपोर्ट भारत के समक्ष जोखिमों की भी ओर इशारा करती है,खासकर होर्मुज जलडमरूमध्य के सैन्य संकट के संदर्भ में। ऐसे में सवाल उठता है: क्या भारत इस मौके को रणनीतिक ऊर्जा स्वतंत्रता में बदल पाएगा?