फर्जी रसीद बनाकर तहसीलदार साहब कर रहे उगाई और कलेक्टर ने अपनी आँखे मूंदी......
पूरे मध्यप्रदेश में बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण को देखते हुए दूसरा लॉकडाउन लगाया गया था जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा शासन-प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए थे कि कोरोना दी गई गाइडलाइन का ठीक तरह से पालन किया जाए एवं जिन के द्वारा लॉक डाउन का पालन नहीं किया जाएगा उन पर सख्ती से कार्यवाही करें या फिर चालानी कार्रवाई की जाये...
एक दुकानदार के ऊपर तहसीलदार के द्वारा 500 का चालान काटा गया था जिसमें उनको चालान रसीद दी गई ?
जबलपुर।दरअसल मामला जबलपुर की तहसील शहपुरा वार्ड नं 4 बेलखेड़ा रोड बाइपास का है लॉकडाउन के दौरान पूर्णता दुकान बंद करने का आदेश दिया गया था।
चंद्रिका विश्वकर्मा जो कि अपनी वेल्डिंग वर्कशॉप को निवास स्थान पर संचालित करते है उनके निवास स्थान में जाने का रास्ता दुकान से ही है,निवास स्थान से बाहर जाने के लिए उन्हें अपनी वेल्डिंग वर्कशॉप की शटर खोलनी पड़ती है चंद्रिका विश्वकर्मा के द्वारा लॉक डाउन का पूर्णतया पालन किया जा रहा था लेकिन दिनांक 21/5/2021 को दोपहर के समय लगभग 1:30 से 2:00 के बीच वह सहपरिवार भोजन करके अपने निवास स्थान पर अपनी दुकान पर बैठे हुए थे।गौरव पांडे तहसीलदार और उनके साथ उनका ड्राइवर सुनील पटेल शासकीय गाड़ी से गश्त कर रहे थे तो उन्होंने देखा कि वेल्डिंग वर्कशॉप की शटर खुली हुई है तब दुकान संचालक से तहसीलदार गौरव पांडे ने अपनी गाड़ी रोकी और दुकान संचालक चंद्रिका विश्वकर्मा से कहा कि तुम्हारी वेल्डिंग वर्कशॉप की शटर क्यों खुली हुई है जिसके लिए तुम्हें जुर्माना देना पड़ेगा तो दुकान संचालक के द्वारा कहा गया कि मान्यवर मेरे निवास स्थान पर आने जाने का रास्ता इसी दुकान से है इसलिए दुकान की शटर खुली हुई है और ना ही मैंने लॉक डाउन का उल्लंघन किया है और ना ही मैं अपनी दुकान चला रहा हूं।
लेकिन तहसीलदार गौरव पांडे ने अपने ड्राइवर सुनील पटेल से कहा कि दुकान संचालक के द्वारा लॉक डाउन का उल्लंघन किया गया है जिसके कारण में इनको ₹500 का जुर्माना कर रहा हूँ इसकी रसीद इन्हें दे दो फिर तहसीलदार वहां से चले गए।
जब दुकान संचालक ने जुर्माना की रसीद को देखा तो उसमें ना तो कोई सरकारी मोहर थी और ना ही रसीद क्रमांक नंबर दुकान संचालक ने इसकी पुष्टि की तो मालूम चला कि वह रसीद फर्जी है।
इस सारे घटित वाक्यांश को दुकान संचालक चंद्रिका विश्वकर्मा ने आवेदन के तौर पर दिनांक 25/05/2021को लिखित शिकायत थाना प्रभारी शहपुरा-भिटौनी को दी जिसमें दुकान संचालक के द्वारा यह आरोप लगाया गया की तहसीलदार गौरव पांडे और उनके ड्राइवर सुनील पटेल ने कूट रचना कर जो जुर्माने की रसीद दी है वह फर्जी है और इनके खिलाफ धारा 420 के तहत कारवाई की जाए और साथ ही यह भी कहा की जिस प्रकार से मेरे साथ ठगी की गई है अन्य किसी ग्रामीण जन के साथ ना हो।
थाना प्रभारी के अलावा दुकान संचालक ने अपनी शिकायत पुलिस अधीक्षक,कलेक्टर जबलपुर और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मेल के जरिये एवं पोस्ट भी की है जिसमें अभी तक शासन-प्रशासन के द्वारा कोई भी उचित कदम या कार्यवाही नहीं की गई है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार कि कुछ समय पूर्व तहसीलदार गौरव पांडे पर लोकायुक्त के द्वारा कार्यवाही भी की गई थी ?
लेकिन इस बात को महज 2 माह होने जा रहे हैं इसलिए परेशान दुकान संचालक ने लिया मीडिया का सहारा और यह भी कहा की मेरी आवाज को शासन-प्रशासन के पास मीडिया के द्वारा ही पहुंचाया जा सकता है शायद मुझे आप लोगो के माध्यम से न्याय शीघ्र ही मिल जाए।
विशेष बात यदि आमजन के द्वारा कोई भी गलत काम,गलती या अपराध होता है तो शासन प्रशासन के द्वारा त्वरित कार्रवाई कर दी जाती है।लेकिन यदि शासन प्रशासन के किसी पदाधिकारी के द्वारा कुछ होता है तो उन पदाधिकारी पर आमजन की शिकायत में वरिष्ठ पदाधिकारियों के द्वारा उचित कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है ? यह विषय चिंताजनक है.....