बहु ने लगाया आरोप अपनी सास व नंनद पर क्या..?जानने के लिये पढ़े पूरी खबर.....

बहु ने लगाया आरोप अपनी सास व नंनद पर...


व्यक्ति चाहें कितना भी झूठ को सच बनाके कहे लेकिन एक न एक दिन झूठ पर सच की विजय जरूर होती है....


ऐसा ही एक मामला सामने आया पहले सास ने आरोप लगाया कि अपनी बहु पर कि उसने मुझे मेरे बेटे के घर से बाहर निकाल दिया है....

फिर बहु पहुंच गई पुलिस अधीक्षक कार्यालय की मेरे पर जो आरोप लगाए जा रहे है वो सरासर गलत है....

आइये खबर की तरफ रुख करें कि आखिर में मसला क्या है...

जबलपुर।।जब बहु तृप्ति सक्सेना से eaglenews24x7की टीम से बातचीत हुई तो पीड़ित बहु ने अपना पक्ष रखते हुये कहा कि मैं पुलिस अधीक्षक कार्यालय में यह शिकायत दर्ज कराने आयी हूँ मुझें मेरी सास व नंनद के द्वारा झूठा फसाया जा रहा है और मैंने अपनी बुजुर्ग सास को घर से मेरे पति देहांत के बाद निकाल दी हूँ लेकिन मेरे द्वारा ऐसा कुछ भी नही किया गया है और मेरे ससुराल पक्ष के लोग आये दिन मेरी झूठी शिकायत करते रहते है एवं मेरे पति डिफेंस कार्यालय में कार्यरत थे लेकिन उनके देहांत के बाद उनके सरकारी दस्तावेजो के अनुसार उस नौकरी में मेरा अधिकार है मेरी सास के द्वारा यह आवेदन दिया गया है कि उस नोंकरी में सिर्फ और सिर्फ अधिकार मेरी बेटी का है

पीड़ित बहु तृप्ति सक्सेना ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुचकर यह गुहार लगाई मान्यवर मुझे उचित न्याय मिले।

जब eaglenews24x7 की जबलपुर टीम ने दूसरा पक्ष से जानने के लिये बुजुर्ग सास एवं नंद से संपर्क साधा तो यह पूछा गया कि आपकी बहु ने जो आरोप लगाया है आपके ऊपर वो कितना सही है या गलत इस के बारे में आप हमें विस्तापूर्वक बताये तब बजुर्ग सास सुधा सक्सेना ने अपना हाले बंया करते हुऐ कहा कि सन 2003 में मेरे बेटे रविंद्र सक्सेना का विवाह हिन्दू रीति-रिवाज से तृप्ति सक्सेना हुया था लेकिन शादी के कुछ समय बीत जाने के बाद मेरी बहु के द्वारा आये दिन मुझे और मेरे बेटे को प्रताड़ित किया जाने लगा कि आप लोगो के द्वारा मेरी बातों को नही माना गया तो मैं आप लोगो को झूठे दहेज-प्रथा के मामलों में फसा दूंगी।मेरे पति जो कि डिफेंस में कार्यरत थे अचानक से उनका स्वर्गवास हो जाने के बाद उनकी अनुकंपा नियुक्ति मेरे बेटे एवं मेरी बेटियों का अधिकार था।लेकिन मेरी बेटियों का विवाह हो चुका था वो अपने परिवार में संपन्न थी,तो मैने सोचा मेरे बेटे के पास कुछ काम नही है अपने जीवन यापन के लिये इसलिये मेरे द्वारा लिखित तौर पर मेरे पति की जो नोकरी थी वो अनुकंपा नियुक्ति तौर पर मेरे बेटे को दे दी गई।इस वजह से की वो मेरा और अपने परिवार का भरण-पोषण करेगा,चूँकि में भी पेसे से सरकारी कर्मचारी रही मै सेवानिवृत्त हो जाने के बाद मुझको शासन के द्वारा पेंसन मिलती है और मेरे पति का स्वर्गवास हो जाने के बाद उसकी भी मुझे पेंसन मिलती है जब मेरे बेटे रविंद्र सक्सेना का स्वर्गवास मार्च 2021में हुआ तो मेरी बहु तृप्ति सक्सेना ने मेरे बेटे के स्वर्गवास का दूसरा ही दिन था मुझे घर से निकल जाने को कहा गया लेकिन मेरी बेटी के पति से मेरी बहु की बात हुई तो मेरी बहु के द्वारा यह कहा गया कि मेरी सास का क्या काम है इस घर मे उनका लड़का तो अब नही तो मेरी बेटी के पति के द्वारा मेरी बहु को समझाइस देते हुये कहा गया आज दूसरा ही दिन है कम से कम गंगाजली तो हो जान दीजिये तब मेरी बहु मानी उसके बाद मेरी बहु के द्वारा मुझे घर से बाहर निकाल दिया तब आज तक मैं किराये के मकान में रह रही हूं।यदि मेरे पास जीवन-यापन के लिये मेरी और मेरे पति की पेंशन का सहारा ना होता तो शायद में दर-दर की ठोकर कहा रही होती।


विशेष बात :-बुजुर्ग सास ने अपने बेटे की मृत्यु पर संदेह जताया है...?


अब देखना है किसे न्याय मिलता पीड़ित बहू को या उसकी बुजुर्ग सास को जो किराये मकान में अकेली अपना बचा हुआ जीवन काट रही है।

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