दबंग पूंजीपति कब तक करते रहेंगे अपनी मनमानी ?
क्यों उड़ाई जा रही है हाई कोर्ट के आदेशों की धज्जियां ?
प्रभारी मंत्री के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों की अब तक उचित कार्रवाई क्यों नहीं हो पाई ?
कब जागेगा शासन प्रशासन आखिर कब तक करना पड़ेगा अन्न जल का त्याग ?
शासन प्रशासन को बार-बार जानकारी देने व विगत दिनों नगर प्रवास पर आये प्रभारी मंत्री कमल पटेल को मां नर्मदा पथ की स्थिति से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा था जिसके बाद प्रभारी मंत्री ने स्वयं पत्रकारवार्ता में मांगों को पूर्ण जायज बताते हुए प्रशासन को कड़ी कार्यवाही के दिशा निर्देश दिये जाने के बावजूद प्रशासन आज तक कोई भी ठोस कार्यवाही नही कर पा रहा शासन प्रशासन स्वयं अपने नीति नियमों कानूनों के विपरीत आचरण करता नजर आ रहा है।
दबंग पूंजीपतियों माफियो एवं धर्म सेवा के नाम पर नर्मदा का जल संग्रहण हरित क्षेत्र में अंधाधुंध अवैध निर्माण अतिक्रमण भंडारण प्राकृतिक जल संरचनाओं को खत्म करने का कार्य अनवरत जारी है।
दबंग पूंजीपतियों माफियो एवं धर्म सेवा के नाम पर नर्मदा का जल संग्रहण हरित क्षेत्र में अंधाधुंध अवैध निर्माण अतिक्रमण भंडारण प्राकृतिक जल संरचनाओं को खत्म करने का कार्य अनवरत जारी है।
मां नर्मदा के तटीय क्षेत्रों में चल रहे अवैध कार्यों को तत्काल बंद करने प्रभारी मंत्री के द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों का भी पालन नही हो रहा है।
नर्मदा पुत्रो ने स्वयं प्रशासन के अधिकारियों को पथ पर बुलाकर अवैध भण्डारण निर्माण अतिक्रमण करते हुए दोषियों को पकड़वाया जिसकी आज तक कोई ठोस कार्यवाही नही हो पा रही है।
जीवनदायनी मां नर्मदा का हरित क्षेत्र जल संग्रहण क्षेत्र लगातार बड़ी तीव्रता से खत्म हो रहा जिसके कारण मां नर्मदा का जल स्तर कम हो रहा साथ ही जीवनधारा गुप्त होने की स्थिति आज अमरकंटक से नर्मदा पथ के अनेक स्थलों घाटों पर देखने मिल रही है।
यदि आज समय रहते हरित क्षेत्र को संरक्षित नही किया गया तो 2025 तक भयावह स्थिति निर्मित होगी जिससे लाखों जनों का जीवन संकट में होगा भीषण प्राकृतिक आपदाओं से लाखों जन जीवन प्रभावित होगा।
पचास दिनों से बिना अन्न आहार के सोए हुए शासन प्रशासन को जगाने का प्रयास करने के बावजूद भी शासन प्रशासन की निष्क्रियता उदासीनता अब नर्मदा भक्तों को आक्रोशित करने का कार्य कर रही है।यदि तत्काल प्रतिबंध नही लगाया गया एवं सत्याग्रह की मांगों पर शासन प्रशासन ऐसे ही मौन रहा तो नर्मदा पुत्र उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे जिसकी जबाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
नर्मदा गौ सत्याग्रह जन आंदोलन समिति म. प्र.।
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