जबलपुर, इस साल 12 नवंबर से पाँच दिवसीय दीपोत्सव शुरू हो रहा है। 12 नवंबर को धनतेरस है। पं. रोहित दुबे के अनुसार धनतेरस पर भगवान धनवंतरि और यमराज की विशेष पूजा करने की परम्परा है। इस तिथि पर अपनी राशि के अनुसार खरीददारी भी की जा सकती है। शास्त्रों के अनुसार प्राचीन समय में देवताओं और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था।
इस मंथन में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान धनवंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। धनवंतरि आयुर्वेद के देवता हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए इनकी पूजा की जाती है। धनतेरस पर यमराज की पूजा करने से अनजाना भय दूर होता है। इस दिन खरीददारी करने का भी महत्व है। अगर धनतेरस पर राशि अनुसार शुभ चीजें खरीदते हैं तो ज्योतिषीय ग्रहों से भी शुभ फल मिल सकता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग में दीपावली
कई सालों बाद दीपावली शनिवार को मनाई जाएगी। यह बेहद दुर्लभ संयोग है। इस साल दीपावली 14 नवंबर 2020 को पड़ रही है। शनिवार और शनि का स्वराशि मकर में होना सभी के लिए लाभकारी रहेगा। इसके अलावा 17 साल बाद दीपावली सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी। इसके पहले ऐसा शुभ मुहूर्त साल 2003 में बना था। इस साल अमावस्या तिथि 14 नवंबर से प्रारंभ होकर 15 नवंबर को सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगी। ऐसे में दीपावली 14 नवंबर को मनाई जाएगी। चूँकि दीपावली अमावस्या तिथि की रात और लक्ष्मी पूजन अमावस्या की शाम को होता है, इसलिए 14 नवंबर को ही महालक्ष्मी पूजन किया जाएगा।
नि:शुल्क आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण 9 से 14 तक
बड़ा फुहारा स्थित आयुर्वेदिक दवा दुकान में 9 से 14 नवंबर दीपावली तक प्रतिदिन सुबह 9 से 11 बजे तक आयुर्वेदिक काढ़ा के 10000 से अधिक पैकेट्स नि:शुल्क वितरित किए जाएँगे। रेडक्रॉस सोसाइटी के साथ भी शहर में रोको-टोको अभियान चलाया जाएगा। इस माह ठंड को देखते हुए कोरोना भयंकर रूप ले सकता है। काढ़ा जमना प्रसाद अग्रवाल एडवोकेट ट्रस्ट के द्वारा वितरित किया जाएगा। कार्यक्रम संयोजक शरद अग्रवाल ने बताया कि काढ़े को उबालकर पीना है।