दोस्ती की आड़ में चीन ने किया नेपाल की जमीन पर कब्जा


काठमांडू। नेपाल के हुमला इलाके में चीनी घुसपैठ की बात को ओली सरकार बार-बार नकार रही है। वहीं, प्रमुख विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जीवन बहादुर शाही ने दावा किया है कि उन्हें चीन के अतिक्रमण के पुख्ता सबूत मिले हैं। उन्होंने सीमाई इलाके का दौरा करने के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार की है। जिसे काठमांडू में पार्टी की केंद्रीय समिति के पास भेजा जाएगा। नेपाल में चीनी घुसपैठ को लेकर उठ रहे विरोध के स्वरों को विपक्षी दल ओली सरकार के खिलाफ इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं। जीवन बहादुर शाही ने कहा कि हुमला मेरा गृहजिला है। मैं यहां जमीन पर अतिक्रमण के बारे में विस्तृत जानकारी रखता हूं। हमने सरकार को सूचित किया था कि चीन ने नेपाल की भूमि पर अतिक्रमण किया है और यहां तक कि पिलर 12 पर हमारी सीमा रेखा पार करने वाली संरचनाओं का निर्माण भी शुरू कर दिया है। हालांकि सरकार ने इससे इनकार किया है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी सड़क का निर्माण कुछ किलोमीटर आगे किया था, जहां चीन ने इन संरचनाओं (बिल्डिंग्स) का निर्माण किया है। कुछ सरकारी अधिकारियों ने भी इस क्षेत्र का दौरा कर चीन के घुसपैठ की रिपोर्ट तैयार की थी। मुझे अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि सरकार क्यों चीन के घुसपैठ की बात को मानने को राजी नहीं है। नेपाली कांग्रेस के इस नेता ने कहा कि सीमा स्तंभों का मूल सिद्धांत यह है कि जब भी कोई नया स्तंभ स्थापित किया जाना है, तो उसे पहले दोनों पक्षों के अधिकारियों के समन्वय में व्यवस्थित किया जाना चाहिए। चीन ने इस सिद्धांत का उल्लंघन किया है। पिलर संख्या 12 को चीन ने हाल में ही बिना नेपाली अधिकारियों को जानकारी दिए स्थापित किया है। जब उनसे पूछा गया कि अपने दौरे पर आपने क्या देखा, तब उन्होंने कहा कि यहां के लोग बड़ी कठिनाई में अपने जीवन का निर्वाह कर रहे हैं। अतिक्रमण के बारे में खुलकर बोलने पर चीन ने हुमला के लोगों के लिए भोजन की आपूर्ति से लदे ट्रकों को रोक दिया है। अंतररराष्ट्रीय ट्रांजिट कानून के अनुसार, कोई भी सरकार खाने के ट्रांजिट रूट को बंद नहीं कर सकती है।

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