यूपी: मुरादाबाद में मंदिर से मिली महंत की लाश, परिजन बोले- जांच हो


मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के गलशहीद थाना क्षेत्र में शनिवार को मंदिर में एक महंत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम को भेजा दिया है. राष्ट्रीय योगी सेना का कहना है कि वे खनन के खिलाफ बोलते थे और उनकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है.

सूचना मिलने पर महंत के रिश्तेदार भी पहुंच गए थे. उनका कहना है कि महंत की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है क्योंकि उनका मोबाइल फोन रात से ही बंद आ रहा था. पुलिस अधिकारी का कहना है कि महंत के शरीर पर कोई चोट के किसी तरह के कोई निशान नहीं पाए गए हैं. फिलहाल पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

सुबह 8 बजे सूचना मिलीः परिजन
मुरादाबाद के गंगा प्रदूषण मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और महंत रामदास का शव थाना गलशहीद इलाके के एक मंदिर में मिलने से हड़कंप मच गया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने आसपास के लोगों से जानकारी करने के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
सूचना पर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे महंत रामदास के परिजनों ने भी मौत को संदिग्ध बताया क्योंकि रात से उनका मोबाइल बंद आ रहा था. महंत रामदास के परिजन निर्मल गुप्ता ने बताया कि मुझे सुबह साढ़े 8 बजे करीब दो व्यक्ति सूचना देने आए कि महंत रामदास की बॉडी बाल्मीकि मंदिर में पड़ी है. ये अहाता कहलाता है और थाना गलशहीद में लगता है. जो दो लोग आए थे वे मंदिर के ही थे लेकिन उनका नाम नहीं जानता.उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि रात से मोबाइल स्विच ऑफ आ रहा हैं. मोबाइल नहीं मिला है. पुलिस भी मना कर रही है कि इनके पास मोबाइल नहीं था, इसीलिए मुझे कुछ संदिग्ध लगता है कि मृत्यु स्वाभाविक नहीं लगती.

नवरात्रों के मौके पर कल पहुंचे थे संतः SSP
घटना के संबंध में एसएसपी मुरादाबाद प्रभाकर चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया महंत रामदास नवरात्रों के मौके पर कल शाम मंदिर पहुंचे थे और 9 दिन तक मंदिर में ही रुककर व्रत रखने को कहा था, लेकिन उनका शव सुबह मंदिर में लोगों ने देखा तो पुलिस को इसकी जानकारी दी गई. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.मुरादाबाद के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि गलशहीद थाना क्षेत्र के मंदिर में एक संत रामदास का शव मिला था जिसकी सूचना मंदिर के जो कर्मचारी हैं उनके द्वारा दी गई थी. उनके द्वारा बताया गया कि ये बाबा शाम को मोटर साइकिल से आए थे. वहां उन्होंने कहा था कि 9 दिन का व्रत रखेंगे और वहीं मंदिर में रहेंगे. लेकिन सुबह जब लोगों ने उन्हें मृत अवस्था में देखा तो उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने मौके पर जाकर छानबीन की. शव को पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया गया है और कोई भी उनके शरीर पर जाहिरा चोट के निशान नहीं मिले हैं. उनकी मृत्यु का जो वास्तविक कारण है उसे जानने के लिए पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.

हिंदू संगठनों ने किया रास्ता जाम
मुरादाबाद के संत और गंगा प्रदूषण मुक्ति मोर्चा के संस्थापक रामदास की मंदिर परिसर में हुई संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद हिंदू संगठनों में गुस्सा देखा जा रहा है. पोस्टमार्टम के बाद एम्बुलेंस में रखे महंत के शव के साथ लोग सिविल लाइन इलाके में मुरादाबाद हरिद्वार मार्ग पर जाम लगाते हुए सड़क पर बैठ गए.राष्ट्रीय योगी सेना के अध्यक्ष आकाश अग्रवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि महंत रामदास खनन की शिकायत करते रहते थे और सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहते थे. उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है क्योंकि उनके पास 3 मोबाइल थे और वो तीनों ही गायब हैं. उनका पर्स भी गायब है. तो कहीं न कहीं ये हत्या का मामला लगता है. उनका फोन कल शाम से बंद आ रहा था. अब उनके नंबर से DP भी हटा ली गई है.अग्रवाल ने कहा कि रामदास ने एक सप्ताह पहले खनन की शिकायत उनसे और हमारे सामने कई लोगों से की थी कि मेरी जान को खतरा है और लिखकर दूंगा. अगर बीमारी से मौत हुई है तो मोबाइल कहां गायब हो गए. DP किसने हटा दीं. महंत रामदास को मोबाइल का शौक था. वो हमेशा एक दो घंटे में अपनी फेसबुक अपडेट करते रहते थे. पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट हमें बताई नहीं है जो भी हुआ है वो गलत है. फिलहाल मौके पर पुलिस अधिकारी पहुंचकर समझाने में लगे हैं.

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