हाउसिंग बोर्ड अपने मूल स्वरूप गृह निर्माण के कार्य से भटक गया है


हाऊसिंग बोर्ड कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष बलवन्त सिंह रघुवंशी ने बताया कि जैसा हमारा नाम है वैसा ही कार्य होना चाहिए परन्तु वर्तमान में " मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल" अपने मूल नाम से कहीं बहुत दूर होता जा रहा है यह अच्छे संकेत नही हैं। गृह निर्माण मण्डल का मूल कार्य भवन अर्थात गृह या आशियाने बनाने का है परन्तु आजकल हमारे कुछ तकनीकी एवं कुछ अन्य स्टाफ के लोग बिना सोचे समझे खुली भूमियों पर भूखण्ड (प्लाट) बनाकर बेचने में ज्यादा रूचि ले रहे हैं जो ठीक नही है जब हाउसिंग बोर्ड के भूंखड़ो को निजी व्यक्ति या इन्वेस्टर खरीद कर उसपर मकान बना बना कर अत्यधिक लाभ कमा रहे हैं तो क्या कारण मण्डल के पास योग्य तकनीकी स्टाफ होने के बाद उक्त रिक्त भूखण्डों पर मण्डल ही मकान बनाये और बेचे तो ज्यादा लाभ होगा साथ बेगार बैठे इंजिनर्स को काम मिल सकेगा जो फालतू बैठे बैठे वेतन प्राप्त कर रहे हैं सर्वप्रथम तो हमें सभी रिक्त भूखंडों पर भवन निर्माण की योजनाओं को फलीभूत करना चाहिए और भवन भी 1000 वर्गफीट के प्लाट पर ही बनाये जाने चाहिए इससे मण्डल को ज्यादा लाभ अर्जित होगा साथ ही जो हमारे योग्य तकनीकी स्टाफ फालतू या बिना कार्य के बैठें हैं उन्हें काम मिलेगा । कर्मचारी संघ मंन्त्री आवास एवं आयुक्त महोदय से माँग करता है कि भविष्य में गृह निर्माण मण्डल केवल गृह अर्थात भवन बनाने की योजना बनाएं एव अधोसंरचना के सरकारी कार्य अपने हाथ मे ले प्लाटों के विकास पर पूर्ण रूप से रोक लगनी चाहिए। मण्डल को शहरी विकास विभाग के जो अफोर्डेबल हाउस वन रहें हैं जैसे भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा उज्जैन ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में निर्माण के सभी कार्य करने चाहिए उसमें रूचि ली जानी चाहिए .. साथ ही तकनीकी अर्थात इंजिनर्स स्टाफ को निर्माण के कार्यो में पूर्ण रूप से नियुक्त किया जावे ताकि निर्माण कार्य की गुणवत्ता बनी रहकर हाउसिंग बोर्ड की ख्याति आमजनों में हो सकेगी.. एवं गृह निर्माण मण्डल अपने मूल स्वरूप में लौट सकेगा।

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