दुबई। कोरोना महामारी के सात महीने बाद सऊदी अरब आज से उमरा के लिए मक्का के दरवाजे फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोल रहा है। आमतौर पर हर साल दुनिया भर से करीब 20 लाख मुसलमान उमरा के लिए मक्का आते हैं। इस बार कोरोना के कारण इसे तीन चरणों में शुरू किया जाएगा। प्रारंभिक चरण में केवल 6,000 नागरिकों और निवासियों को हर दिन भाग लेने की अनुमति दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हज मंत्री मोहम्मद बेंटेन ने पिछले हफ्ते एक टीवी इंटरव्यू में बताया कि पहले चरण में उमरा सावधानीपूर्वक और एक निश्चित समयावधि के भीतर किया जाएगा। बेंटन ने कहा कि सोशल डिस्टेन्सिंग को सुनिश्चित करने के लिए तीर्थयात्रियों को समूहों में बाँट कर भेजा जाएगा। ग्रैंड मस्जिद की परिक्रमा करने की रस्म निभा पाएंगे, लेकिन इस बार रास्ते सोशल डिस्टैन्सिंग को ध्यान में रखकर बनाये गए हैं। 18 अक्टूबर को तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ा कर प्रति दिन 15,000 तक कर दी जाएगी, जिससे अधिकतम 40,000 लोगों को मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति होगी। क्षमता जब 20,000 तीर्थयात्रियों तक बढ़ जाएगी तब 1 नवंबर से विदेशी पर्यटकों को भी उमरा करने की अनुमति दे दी जाएगी। उसके बाद 60,000 लोगों को मस्जिद में प्रवेश करने की अनुमति होगी। गृह मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि उमरा फिर से शुरू करने का फैसला देश और विदेश में बसे मुस्लिमों की पवित्र स्थलों की यात्रा करने की अभिलाषा के कारण लिया गया है। मंत्रालय ने यह भी आश्वासन देते हुए कहा कि कोरोनोवायरस महामारी का खतरा कम होने के बाद उमराहको पूरी क्षमता से उसी तरह करने की अनुमति दे दी जाएगी तब तक स्वास्थ्य मंत्रालय उन देशों की समीक्षा करेगा जिनके तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य जोखिम उठाकर जोखिमों के आधार पर प्रवेश करने की अनुमति दी जा सके।
दुबई। कोरोना महामारी के सात महीने बाद सऊदी अरब आज से उमरा के लिए मक्का के दरवाजे फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोल रहा है। आमतौर पर हर साल दुनिया भर से करीब 20 लाख मुसलमान उमरा के लिए मक्का आते हैं। इस बार कोरोना के कारण इसे तीन चरणों में शुरू किया जाएगा। प्रारंभिक चरण में केवल 6,000 नागरिकों और निवासियों को हर दिन भाग लेने की अनुमति दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हज मंत्री मोहम्मद बेंटेन ने पिछले हफ्ते एक टीवी इंटरव्यू में बताया कि पहले चरण में उमरा सावधानीपूर्वक और एक निश्चित समयावधि के भीतर किया जाएगा। बेंटन ने कहा कि सोशल डिस्टेन्सिंग को सुनिश्चित करने के लिए तीर्थयात्रियों को समूहों में बाँट कर भेजा जाएगा। ग्रैंड मस्जिद की परिक्रमा करने की रस्म निभा पाएंगे, लेकिन इस बार रास्ते सोशल डिस्टैन्सिंग को ध्यान में रखकर बनाये गए हैं। 18 अक्टूबर को तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ा कर प्रति दिन 15,000 तक कर दी जाएगी, जिससे अधिकतम 40,000 लोगों को मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति होगी। क्षमता जब 20,000 तीर्थयात्रियों तक बढ़ जाएगी तब 1 नवंबर से विदेशी पर्यटकों को भी उमरा करने की अनुमति दे दी जाएगी। उसके बाद 60,000 लोगों को मस्जिद में प्रवेश करने की अनुमति होगी। गृह मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि उमरा फिर से शुरू करने का फैसला देश और विदेश में बसे मुस्लिमों की पवित्र स्थलों की यात्रा करने की अभिलाषा के कारण लिया गया है। मंत्रालय ने यह भी आश्वासन देते हुए कहा कि कोरोनोवायरस महामारी का खतरा कम होने के बाद उमराहको पूरी क्षमता से उसी तरह करने की अनुमति दे दी जाएगी तब तक स्वास्थ्य मंत्रालय उन देशों की समीक्षा करेगा जिनके तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य जोखिम उठाकर जोखिमों के आधार पर प्रवेश करने की अनुमति दी जा सके।