झारखंड के गोड्डा में स्थित महर्षि मेंही आश्रम में अपराधियों ने एक साध्वी से सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस को सुबह आठ बजे दुष्कर्म की सूचना मिली। एक आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, वहीं तीन आरोपित अब भी फरार हैं। गिरफ्तार दीपक राणा का आपराधिक इतिहास रहा है। आश्रम में घुसकर साध्वी से दुष्कर्म की घटना की हिदू संगठनों और राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कहा, अपराधियों में कानून का खौफ नहीं है। साधु-संत तक सुरक्षित नहीं।
आश्रम में सोमवार रात साढ़े 11 बजे तक सत्संग हुआ। इसमें साध्वी ने प्रवचन दिया। सत्संग की समाप्ति के बाद सारे लोग चले गए। आश्रम में साध्वी सहित सिर्फ चार लोग रह गए। इनमें तीन महिलाएं थीं और एक पुरुष। रात दो बजे एक बदमाश ने आश्रम की दीवार फांदकर प्रवेश का दरवाजा खोल दिया। इसके बाद दीपक राणा, आशीष राणा समेत चार बदमाश आश्रम के भीतर गए। आश्रम दो मंजिला है। बदमाशों ने तीन लोगों को कमरे में बंद कर दिया। फिर पहले तल पर सो रही साध्वी से दुष्कर्म दुराचार किया। साध्वी ने पुलिस से शिकायत की है कि दीपक और आशीष राणा ने दुष्कर्म किया था, जबकि दो ने उनका सहयोग किया।
फरवरी में साध्वी आईं थी वाराणसी से : गोड्डा एसपी वाई एस रमेश ने पीड़िता समेत और लोगों का बयान दर्ज किया। साध्वी ने बताया कि वह मूल रूप से बोकारो की रहने वाली है। वाराणसी में योग और आध्यात्म पर साधना करने के बाद फरवरी में वह गोड्डा आश्रम आई। मार्च में लॉकडाउन होने के बाद गोड्डा आश्रम में रुक गई थी। साध्वी ने सरकार से विनती की है कि वह दोषियों को कड़ी सजा दे।
15 वर्ष पूर्व हुई थी आश्रम की स्थापना
गोड्डा में स्थित महर्षि मेंहीं का उक्त आश्रम 15 वर्ष पूर्व स्थापित हुआ है। पंकज मौर्य ने इसकी स्थापना कराई है। बताया जाता है कि कोलकाता की एक साध्वी ने आश्रम के निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग दिया है। महर्षिं मेंहीं या सदगुरु महर्षिं मेंहीं परमहंस जी महाराज भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। मेंही आश्रम का मुख्यालय भागलपुर में है। महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज गोड्डा में सातवें दशक में आए थे। यहां के गांधी मैदान संतमत सत्संग का जिला अधिवेशन हुआ था। इसके बाद में उनके प्रति लोगों की आस्था जगी। सत्संग आश्रम से जुड़े साहित्यकार ओम प्रकाश मंडल बताते हैं कि महर्षि के आगमन के बाद गोड्डा सहित आसपास के क्षेत्रों में 40 से अधिक सत्संग आश्रम की स्थापना की गई थी। बिहार, झारखंड, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हरिद्वार, ऋषिकेश समेत देश भर में हजारों आश्रम हैं। विदेश में नेपाल श्रीलंका और नेपाल में भी आश्रम हैं।