अगले सप्ताह निकल सकता है पैंगोंग संकट का हल, विदेश मंत्रियों के बीच बनी सहमति के अनुरूप सेना करेगी बैठक


नई दिल्ली। वास्तिवक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव घटाने के लिए भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बातचीत के बाद सेना ने लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। बातचीत की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन यह अगले सप्ताह के शुरूआत में संभवत मंगलवार को हो सकती है।

सूत्रों के अनुसार दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बनी पांच सूत्रीय सहमति के अनुरूप सेना ने वार्ता के लिए अपनी रणनीति तैयार की है। सेना को उम्मीद है कि यदि चीन भी इसी तैयारी के साथ इस बैठक में शामिल होता है तो फिर कार्प कमांडर स्तर की इस बैठक के नतीजे जमीन पर भी दिखाई पड़ सकते हैं। पहले भी कई दौर की कार्प कमांडर स्तर की वार्ता हुई हैं, जिनमें चीन सहमति प्रकट करता है लेकिन जब उस पर अमल की बात आती है तो वह मुकर जाता है।
सेना से जुड़े सूत्रों ने कहा कि काफी कुछ इस बात पर निर्भर है कि विदेश मंत्रियों की बैठक में जो सहमति बनी है, उसे लेकर चीन ने अपनी सेना को क्या निर्देश दिए हैं। यदि चीनी सेना विदेश मंत्रियों की बैठक में तय बिन्दुओं के अनुरूप आगे बढ़ती है तो सार्थक नतीजा निकल सकता है।

सेना के सूत्रों ने कहा कि भारत की मांग शुरू से यही रही है कि वह अप्रैल की स्थिति बहाल करे। लेकिन टकराव वाले पैंगोंग लेक क्षेत्र में चीन की शर्त यह थी कि वह फिंगर-2 से भी पीछे हटे जबकि फिंगर-2 पर भारत अप्रैल में भी काबिज था। इस शर्त को मानना भारत के लिए संभव नहीं है। सेना ने कहा कि हाल के दिनों में ऊंची पहाड़ियों पर सेना ने जो बढ़त हासिल की है, उसका भी चीन पर मनोवैज्ञानिक दबाव पड़ा है तथा पीछे हटने के अलावा उसके पास विकल्प नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि अगले सप्ताह होने वाली बैठक में सीधे पैंगोंग पर बात होगी। पहले चीनी सेनाओं को बिना शर्त मई से पहले की स्थिति बहाल करनी होगी और उसकी पुष्टि के बाद ही भारतीय सेना भी अप्रैल की स्थिति में लौटेगी। रक्षा सूत्रों ने बताया कि इस बीच पिछले दो दिनों से पैंगोंग, रेजांगला आदि इलाकों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच शांति छाई हुई है।

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