ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं तो क्या माधवराव सिंधिया के नाम पर वोट मांगेगी कांग्रेस, बिना सिंधिया के कांग्रेस का काम नहीं चलता


इंदौर। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपनी सारी जिंदगी और ताकत कांग्रेस के लिए लगा दी लेकिन आज भी मध्य प्रदेश की कांग्रेस पार्टी सिंधिया राजवंश की छत्रछाया में बनी हुई नजर आती है। ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी माधवराव सिंधिया के नाम पर वोट इकट्ठा करने की तैयारी कर रही है। 

स्वर्गीय माधवराव सिंधिया जी श्रद्धांजलि सभाएं बड़े पैमाने पर क्यों चाहते हैं कमलनाथ
दिनांक 30 सितंबर 2020 को माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि है। मध्यप्रदेश उपचुनाव के कारण कांग्रेस पार्टी स्वर्गीय माधवराव सिंधिया को अपना नेता मानते हुए बड़े पैमाने पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन करने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस उनकी पुण्यतिथि के जरिए लोगों की माधवराव सिंधिया से जुड़ी भावनाओं को वोट बैंक में बदलना चाहती है। 2018 के विधानसभा चुनाव में एक चिट्ठी वायरल हुई थी जिसमें स्वर्गीय सुभाष यादव की पुण्यतिथि बड़े पैमाने पर बनाने की प्लानिंग थी। स्थिति में बताया गया था कि स्वर्गीय सुभाष यादव की श्रद्धांजलि सभा के जरिए पिछड़ा वर्ग का वोट प्राप्त किया जाएगा। 

मध्यप्रदेश में बिना सिंधिया के कांग्रेस का काम नहीं चलता 
कमलनाथ के रणनीतिकारों को विश्वास है कि स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करके वह पिता-पुत्र के बीच एक बड़ी लकीर खींच पाएंगे। माधवराव सिंधिया से प्रेम करने वालों का वोट कांग्रेस में रोक पाएंगे लेकिन शायद उन्होंने यह नहीं सोचा कि इसका एक और मैसेज लाउड एंड क्लियर हो जाएगा। मध्यप्रदेश में बिना सिंधिया के कांग्रेस का काम नहीं चलता। आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दबाव बनाकर सिंधिया राजपरिवार को कांग्रेस में शामिल किया था। आपातकाल के समय इंदिरा गांधी ने दबाव बनाकर माधवराव सिंधिया को कांग्रेस में शामिल किया और जब सिंधिया परिवार का कोई सदस्य कांग्रेस में नहीं है तो सोनिया गांधी और कमलनाथ दबाव बनाकर स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के फोटो के जरिए वोटों की कमाई करना चाहते हैं।

Post a Comment

Previous Post Next Post
eaglenews24x7

क्या कहते है सितारे