बस में सवार थी चीखें, बाहर बह रहा था काल
दमोह के लकलका गांव में बुधवार की रात एक भयावह मंजर सामने आया। रात 8 बजे की बात है, जब कुड़ी नाले का पानी अपने चरम पर था। अंधेरा, बरसात और उफनती नदी — सब कुछ कह रहा था ‘रुक जाओ’, लेकिन अमित ट्रैवल्स की बस के चालक ने जैसे मौत को ललकार दिया।
बस पुल पर चढ़ी और कुछ ही सेकेंड में नियंत्रण खो बैठी। नदी ने बस को खींच लिया। अंदर बैठे 15 से ज़्यादा यात्री चिल्ला उठे। महिलाएं रो रहीं थीं, बच्चे डर के मारे सीट के नीचे दुबक गए। हर पल बस के पलटने का डर था।
अगर पीछे का हिस्सा पुल पर न अटकता... तो?
शायद सुबह लाशें निकलतीं, पर प्रशासन कहता – “हमने चेताया था।” लेकिन क्या सिर्फ चेतावनी देना काफी है?
गनीमत है कि ग्रामीणों और पुलिस ने वक्त पर रेस्क्यू किया। लेकिन क्या अगली बार किस्मत फिर साथ देगी?