700 वर्ष में नहीं बना ऐसा संयोग,महाशिवरात्रि पंच महायोग:आइये जाने महाशिवरात्रि व पूजन की सरल विधि....

700 वर्ष में नहीं बना ऐसा संयोग,महाशिवरात्रि पंच महायोग:आइये जाने महाशिवरात्रि व पूजन की सरल विधि....

ब्यूरो रिपोर्ट....


जबलपुर।।आज की महाशिवरात्रि पंचांग के हिसाब से फागुन महीने की कृष्ण पक्ष की चौदस में पूरे भारतवर्ष में बड़े ही हर्षोल्लास से मनायी जा रही है,क्योंकि यह दिन शुभ संयोग वाला है जिसमें शिव पूजा का महत्व और भी अधिक होगा।आपको बता दे कि पंच महायोग 700 वर्ष बाद महाशिवरात्रि पर बन रहा है,इसलिए आज की पूजा पाठ के अलावा और भी नए कामों की शुरुआत शुभ रहेगी।

क्योंकि शिवरात्रि पर केदार,शंख,शश,वरिष्ठ और सर्वार्थसिद्धि योग मिलकर पंच महायोग बना रहे हैं,ऐसा संयोग पिछले 700 वर्षों में नहीं बना है,क्योंकि आज के दिन तेरस और चौदस दोनों तिथियां है।ग्रंथों में ऐसे संयोग को शिव पूजा के लिए बहुत ही खास बताया गया है,इन ग्रह योग में नई शुरुआत और खरीददारी से फायदा मिलेगा।


महाशिवरात्रि से जुड़े सभी सवाल-जवाब की छोटी-बड़ी बातें अत्यधिक महत्वपूर्ण है,ग्रंथों के जानकार डॉ.चंद्रशेखर शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने सवालों के जवाब दिए:


(1)सवाल:शिवरात्रि क्यों मनाते हैं..?

जवाब:शिव महापुराण के अनुसार फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चौदस को आधी रात में शिवजी लिंग रूप में प्रकट हुए थे।तब भगवान विष्णु और ब्रह्माजी ने पहली बार शिवलिंग की पूजा की थी, इसलिए शिवरात्रि मनाते हैं।

(2)सवाल:शिव-पार्वती विवाह कब हुआ था...?

जवाब:शिव महापुराण की रूद्रसंहिता में लिखा है,शिव-पार्वती विवाह अगहन महीने के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि पर हुआ था।ये तिथि अमूमन नवंबर-दिसंबर में आती है,जो कि इस साल 29 नवंबर, बुधवार को रहेगी।

(3)सवाल:किस समय पूजा करना शुभ रहेगा...?

जवाब:महाशिवरात्रि पर पूरे दिन-रात पूजा कर सकते हैं,स्कंद,शिव और लिंग पुराण का कहना है।कि इस त्योहार के नाम के अनुसार, रात में शिवलिंग का अभिषेक करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

(4)सवाल:पूजा की विधि क्या होनी चाहिए...?

जवाब:शिवरात्रि पर पूरे विधि-विधान से शिव पूजा करनी चाहिए, अगर समय न मिले या मंदिर न जा पाएं तो घर पर ही कुछ जरूरी चीजों के साथ ऊँ नम:शिवाय मंत्र का जाप करते हुए शिव पूजा कर सकते हैं,ये महापूजा जितना ही फल देती है।

(5)सवाल:शिव पूजा में किन बातों का ध्यान रखें...?

जवाब:पूजा करते वक्त मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ हो,कुंद, केतकी और कैंथ के फूल न चढ़ाएं,शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाने के बाद उसे न पिएं,सिर आंखों पर लगा सकते हैं,पूजा के बाद शिवलिंग की आधी परिक्रमा ही करें।

(6)सवाल:शिवरात्रि का व्रत कैसे करें...?

जवाब:सूर्योदय से पहले उठें,पानी में गंगाजल और काले तिल मिलाकर नहाएं,व्रत और शिव पूजा का संकल्प लें,व्रत-उपवास में अन्न नहीं खाएं।पुराणों में जिक्र है कि पूरे दिन पानी भी नहीं पीना चाहिए,लेकिन इतना कठिन व्रत न कर सकें तो फल,दूध और पानी ले सकते हैं,सुबह-शाम नहाने के बाद शिव मंदिर दर्शन के लिए जाएं।

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