मेडिकल स्टोर से दवा खरीदकर खुद ही करते रहे बुखार का इलाज,आठवें दिन मौत से फैली कोरोना की सनसनी,पढ़े पूरी खबर...
सर्दी,जुखाम,बुखार,बदन दर्द, गला व जोड़ों में दर्द इस तरह के लक्षण का उपचार खुद करना मरीजों के लिए घातक साबित होने लगा।
जबलपुर :-सर्दी,जुखाम,बुखार,बदन दर्द,गला व जोड़ों में दर्द इस तरह के लक्षण का उपचार खुद करना मरीजों के लिए घातक साबित होने लगा है।इसी तरह की लापरवाही की वजह से मानेगांव गांधी चौक रांझी निवासी संतोष चौरसिया 42 वर्ष को अपनी जान गंवानी पड़ी।करीब 10 दिन से संतोष बुखार से पीड़ित थे।किसी विशेषज्ञ चिकित्सक और अस्पताल में न जाकर उन्होंने मेडिकल स्टोर का सहारा लिया।वहां से खरीदी गई दवा से वे बुखार का इलाज करते रहे और आठवें दिन यानि शुक्रवार शाम करीब छह बजे उनकी घर में ही मौत हो गई।आसपास के नागरिकों का कहना है कि मृत्यु से पहले संतोष की हालत उसी तरह हो गई थी जैसे कोरोना से संक्रमित किसी मरीज की होती है उनकी मौत के बाद गांधी चौक क्षेत्र में लोग दहशत में आ गए हैं।
किल कोरोना,डोर-टू-डोर सर्वे जैसे अभियान की जरूरत:-
जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस ने जिस गति से पलटवार किया है,उसकी तुलना में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन द्वारा सुरक्षा के संक्रमण फैलने से रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमितों की संख्या वर्तमान समय से कम होने के बावजूद किल कोरोना डोर टू डोर सर्वे,वृद्ध जन सुरक्षा अभियान चलाया गया था।2021 में खतरा बढ़ा है लेकिन संक्रमण की रोकथाम के लिए पहले की भांति सक्रियता नजर नहीं आ रही है।डोर टू डोर सर्वे चलाकर यदि संतोष चौरसिया को ढूंढ निकाला गया होता तो संभव है उपचार देकर उसकी जान बचाई जा सकती थी।
लगी थी दवा विक्रय पर रोक:-
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए वर्ष 2020 में दवा दुकानों से सर्दी खांसी बुखार की दवाओं की ओवर द काउंटर बिक्री पर सख्ती से रोक लगा दी गई थी।उक्त दवाएं डॉक्टर के पर्चे पर ही देने के निर्देश दिए गए थे।वहीं जिन मरीजों को पर्चे पर दवाइयां दी जा रही थी मेडिकल स्टोर संचालकों को उनका रिकॉर्ड रखना पड़ता था। कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका होने पर मेडिकल स्टोर संचालक स्वास्थ्य विभाग को संबंधित मरीज की सूचना देते थे जिसके बाद बिना देर किए उसकी घेराबंदी कर ली जाती थी। ऐसा होने पर कोरोना संक्रमित मरीज दूसरे लोगों को वायरस का संक्रमण नहीं फैला पाता था।