वन धन योजना के लिए एमएसपी के कार्यान्वयन के लिए समझौता,जाननें के लिये पढ़े पूरी खबर........

ट्राइफेड ने दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव प्रशासन के साथ एमएफपी योजना और वन धन योजना के लिए एमएसपी के कार्यान्वयन के लिए समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया।


जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत ट्राइफेड ने हाल ही में एमएफपी योजना और वन धन योजना के लिए एमएसपी के कार्यान्वयन हेतु दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव प्रशासन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। 

दादरा और नगर हवेली,दमन और दीव अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वित्तीय और विकास निगम लिमिटेड को राज्य कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है।ट्राइफेड आदिवासियों (वनवासियों और कारीगरों दोनों)की आजीविका में सुधार लाने और आदिवासी सशक्तिकरण की दिशा में काम करने के अपने अभियान के तहत कई कार्यक्रमों और पहलों को अंजाम दे रहा है।

 

इस समझौता ज्ञापन के तहत 5 मार्च, 2021 को न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी)और एमएफपी के लिए मूल्य श्रृंखला के विकास के माध्यम से लघु वन उत्पाद(एमएफपी)के विपणन तंत्र को केंद्र शासित प्रदेश में लागू किया जाएगा।इस कार्यक्रम को शुरु करने के लिए इस केंद्र शासित प्रदेश में 1 वन धन विकास केंद्र स्थापित करने की योजना है।


जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत एमएफपी एक लिए एमएसपी एक प्रमुख योजना है जिसका उद्देश्य वन उपज इकट्ठा करने वाले आदिवासियों को उचित पारश्रमिक और उचित मूल्य प्रदान करना है।वन उपज इकट्ठा करने वाले आदिवासियों को जो उचित मूल्य प्रदान किया गया है,वह उनकी कुल आय की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है,इससे उनकी समग्र आय में वृद्धि हुई है।पिछले वर्ष,आदिवासी अर्थव्यवस्था में 3000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है और आदिवासियों के लिए एक बडे बदलाव के रूप में उभरा है।जनजातियों के लिए स्थायी आजीविका के निर्माण की सुविधा के लिए वन धन केंद्रों की स्थापना करके एमएफपीएस के मूल्य संवर्धन, ब्रांडिंग और विपणन के लिए एक कार्यक्रम,वन धन योजना (वीडीवाई) का एक घटक है।


वन धन आदिवासी स्टार्ट-अप भी वन उपज इकट्ठा करने वाले आदिवासी और वनवासियों और घर में रहने वाले आदिवासी कारीगरों के लिए रोजगार सृजन के स्रोत के रूप में उभरा है। दादरा और नगर हवेली और दमण और दीव प्रशासन और आदिवासियो के विकास की योजनाओं के कार्यान्वयन के साथ यह साझेदारी निश्चित रूप से केंद्र शासित प्रदेश में आदिवासियों की आजीविका में सुधार सुनिश्चित करेगी।


इसके अलावा,केंद्र शासित प्रदेशों के आदिवासियों के लिए जनजातीय भारत नेटवर्क के माध्यम से बड़े बाजारों:-वास्तविक दुकानों और ट्राइब्स इंडिया.कॉम (Tribesindia.com), दोनो जगहों पर पहुंच सुनिश्चित होगी।ट्राइफेड वर्तमान में इस क्षेत्र के नए आदिवासी आपूर्तिकर्ताओं को सशक्त कर रहा है और जल्द ही ट्राइब्स इंडिया कैटलॉग भी दादरा और नगर हवेली और दमन तथा दीव के आदिवासी उत्पादों सहित शुरू हो जाएगा और इस प्रकार इस क्षेत्र के अद्वितीय उत्पादों तक व्यापक पहुंच को सक्षम करेगा।


ट्राइफेड,आदिवासी लोगों के लिए एमएफपी के लिए एमएसपी योजना और वन धन योजना जैसी प्रमुख योजनाओं और अन्य महत्वपूर्ण पहलों के माध्यम से जनजातीय लोगों के लिए आय और आजीविका का सृजन कर रहा है।

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