सांवेर उप चुनाव के मुख्य प्रतिद्वंदी 'गुड्डू' व 'तुलसी' नहीं डाल पाए वोट!


इन्दौर । मध्य प्रदेश के 28 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाने वाली सांवेर विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद बौरासी 'गुड्डू' और भाजपा प्रत्याशी तुलसीराम सिलावट चुनाव मैदान में मुख्य प्रतिद्वंदी है, लेकिन दोनों उम्मीदवार खुद के लिए ही वोट नहीं कर सकें। इन्दौर जिले की सांवेर विधानसभा सीट 'अनुसूचित जाति' के लिए आरक्षित होकर यहां से कुल 13 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे है। राज्यसभा सांसद व भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंध‍िया के कट्टर समर्थक तुलसीराम सिलावट यहां से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे है, उनके मुख्य प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद बौरारी 'गुड्डू' है, प्रमुख दलों के दोनों नेता चुनाव-प्रचार के दौरान मतदाताओं से वोट देने की अपील करते नज़र आए, लेकिन मंगलवार को मतदान वाले दिन वे खुद के लिए 'मतदान' नहीं कर सकें, क्योंकि दोनों ही नेताओं के नाम सांवेर निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज नहीं है। तुलसीराम सिलावट का नाम इन्दौर शहर की विधानसभा क्षेत्र क्र. 3 की मतदाता सूची में दर्ज है, जबकि प्रेमचंद गुड्डू का नाम राऊ विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में दर्ज है, इसलिए सांवेर विधानसभा सीट के दोनों ही मुख्य प्रतिद्वंदी उम्मीदवार इस उप चुनाव में स्वयं के लिए अपने मताध‍िकार का उपयोग नहीं कर सकें। 

भाजपा-कांग्रेस में कांटे की टक्कर 
मंगलवार को सांवेर में लगभग 78.01 प्रतिशत मतदान हुआ। अनंतिम आंकड़ों के अनुसार यहां कुल 210707 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इनमें 112586 पुरूष मतदाता तथा 98121 महिला मतदाता शामिल है। सांवेर में वैसे तो कुल 13 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे है, लेकिन भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी के बीच कांटे की टक्कर है। हालांकि फैसला 10 नवंबर को मतगणना के बाद होगा। चुनावी आंकड़ों के अनुसार दोनों प्रतिद्वंदी सांवेर सीट से पहले भी चुनाव लड़ चुके है। तुलसी सिलावट ने कांग्रेस के टिकट पर सांवेर सीट से वर्ष 1985, 2008 और 2018 का विधानसभा चुनाव जीता था, जबकि 1990, 1993 और 2013 के चुनाव में उन्हें श‍िकस्त मिली थी। वहीं, प्रेमचंद गुड्डू ने कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से वर्ष 1998 का विधानसभा चुनाव जीता था। 
तुलसीराम सिलावट राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक है, सिलावट उन 22 बागी विधायकों में शामिल रहे थे, जिनके इस्तीफे व भाजपा में शामिल होने के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई थी और श‍िवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में 23 मार्च को भाजपा की सत्ता में वापसी हुई थी। कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सिलावट ने 2018 में कांग्रेस के ट‍िकट पर सांवेर सीट जीती थी, लेकिन दल बदलने के बाद वह भाजपा के टिकट पर यह चुनाव लड़ रहे है।

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