सरकारी तबादला नीति:सख्ती का नया दौर और इसके प्रभाव...
प्रदेश।।मध्यप्रदेश सरकार ने तबादला नीति को सख्ती से लागू करना शुरू कर दिया है,लोक निर्माण विभाग ने हाल ही में एक इंजीनियर शिवशंकर चौकसे को निलंबित कर दिया क्योंकि उन्होंने तबादले के बाद नए पदस्थापना स्थल पर जॉइन नहीं किया था।निलंबन की कार्रवाई और इसके कारण
लोक निर्माण विभाग ने चौकसे को सहायक यंत्री केवलारी जिला सिवनी से सहायक यंत्री मुख्य अभियंता कार्यालय सागर के लिए स्थानांतरित किया था,लेकिन उन्होंने जॉइनिंग नहीं दी थी,इस कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
सरकार की सख्ती और इसके परिणाम
सरकार ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को समय पर जॉइन करने के लिए कहें,अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा।
विभागों की कार्रवाई और इसके प्रभाव
-लोक निर्माण विभाग ने सभी स्थानांतरित अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि अगर वे जल्दी ही जॉइन नहीं करते हैं तो उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा।
-राजस्व विभाग ने तहसीलदार,नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारियों के तबादले के बाद समय पर नए पोस्टिंग स्थल पर नहीं जॉइन करने की स्थिति में एकतरफा रिलीव कर दिया है।
-पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने भी इसी तरह के निर्देश जारी किए हैं।
पुलिस विभाग में भी कार्रवाई और इसके प्रभाव
भोपाल पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है क्योंकि उन्होंने तबादले के बाद नए पदस्थापना स्थल पर जॉइन नहीं किया था।इन पुलिसकर्मियों में उपनिरीक्षक साबिर खान,एएसआई राम अवतार और अन्य शामिल हैं।
सरकार का उद्देश्य और भविष्य की योजनाएं
सरकार की इस सख्ती का उद्देश्य अधिकारियों और कर्मचारियों को समय पर जॉइन करने और अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करना है। सरकार चाहती है कि सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यों को समय पर और पूरी निष्ठा से करें।