संघर्ष की दास्तान:निर्धन परिवारों के होनहार विद्यार्थियों की सफलता की कहानी...

अनुज की कहानी:बीमारी से हार नहीं,डॉक्टर बनने का संकल्प
विदिशा जिले के कुरवाई कस्बे के अनुज की कहानी झकझोर कर रख देने वाली है,अनुज के दो भाई और एक बहन की 8 से 10 साल की उम्र में ही मस्तिष्क ज्वर और जॉइंडिस बीमारी से पीड़ित थे।इलाज के अभाव में तीनों की अकाल मौत हो गई,अनुज ने तभी यह संकल्प लिया कि वह डॉक्टर बनकर एक दिन ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोगों की जान बचाएगा।
मुस्कान की कहानी:बहनों ने सिलाई कर पढ़ाया, अब बनेगी डॉक्टर
मैहर जिले के छोटे से गांव मितगोथी की मुस्कान सोनी ने भी नीट क्लियर कर डॉक्टर बनने का सपना साकार किया।मुस्कान के पिताजी लकवा के शिकार हैं और घर में कोई कमाने वाला नहीं है,बहनों ने सिलाई करके जो थोड़े बहुत पैसे कमाए उसी से मुस्कान ने अपनी पढ़ाई पूरी की,अब वह डॉक्टर बनने की राह पर है।
आयुष की कहानी:जेईई एडवांस क्लियर कर आईआईटी दिल्ली के लिए चयन
रायसेन के छोटे से गांव मालझिर के छोटे से किसान रामदास चौहान के परिवार की माली हालत भी ठीक नहीं है।अभावों के बीच उनके बेटे आयुष ने सुभाष एक्सीलेंस स्कूल में पढ़ाई की,आयुष ने जेईई एडवांस क्लियर किया और अब उसका चयन आईआईटी नई दिल्ली के लिए हुआ है।
स्कूल की उपलब्धि: 31 विद्यार्थियों ने नीट,जेईई एडवांस क्लियर किया
एक्सीलेंस स्कूल के प्रिंसिपल सुधाकर पाराशर ने बताया कि इस साल स्कूल के 15 विद्यार्थियों ने नीट और 16 ने जेईई एडवांस क्लियर किया।प्रदेश के किसी भी सरकारी और प्राइवेट स्कूल में इकलौता यह स्कूल है,जिसने यह रिकॉर्ड बनाया।