लोकायुक्त की कार्रवाई:भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम...
जबलपुर:रिटायर्ड लोकायुक्त डीएसपी नवीन अवस्थी ने अपने करियर में 100 से ज्यादा भ्रष्टाचारियों को पकड़ने का अनुभव हासिल किया है।उन्होंने अपने अनुभवों से जुड़े 6 रोचक किस्से साझा किए हैं जो उनकी सेवा के दौरान हुए थे।इन किस्सों के माध्यम से हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में आने वाली चुनौतियों और सफलताओं का पता चलता है।भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में चुनौतियाँ
नवीन अवस्थी ने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, कभी-कभी आरोपी अपने रौब और ठसक का प्रदर्शन करते हैं,तो कभी-कभी वे सबूतों को नष्ट करने की कोशिश करते हैं।इसके अलावा,भ्रष्टाचार के मामलों में अक्सर उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल होते हैं,जो अपनी शक्ति का उपयोग करके जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं।
आईएएस दंपती का अकड़ भरा व्यवहार
एक मामले में नवीन अवस्थी ने आईएएस दंपती अरविंद-टीनू जोशी के खिलाफ कार्रवाई की थी,वे दोनों ही अपने रौब और ठसक के लिए जाने जाते थे। कार्रवाई के दौरान भी उन्होंने अपना अकड़ भरा व्यवहार जारी रखा।हालांकि उनके पिता एचएम जोशी जो कभी प्रदेश के डीजीपी रह चुके थे,वे शांति से कार्रवाई का अवलोकन कर रहे थे।इस मामले में नवीन अवस्थी को अपनी पेशेवराना ज़िम्मेदारी और व्यक्तिगत सम्मान के बीच संतुलन बनाना पड़ा।
तहसीलदार की चालाकी
एक अन्य मामले में नवीन अवस्थी ने एक तहसीलदार आरके सिकरवार के खिलाफ कार्रवाई की थी, तहसीलदार ने रिश्वत के नोट जलाने की कोशिश की और अधजले नोटों को फ्लश कर दिया।हालांकि, लोकायुक्त टीम ने सबूत इकट्ठे किए और मजबूत केस बनाया।इस मामले में तहसीलदार की चालाकी ने जांच को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया था।
डीआईजी गांधी का दुर्व्यवहार
नवीन अवस्थी ने बताया कि उन्होंने जेल डीआईजी उमेश गांधी के खिलाफ कार्रवाई की थी,आरोप था कि वे संतरियों से दुर्व्यवहार करते थे।कार्रवाई के दौरान गांधी ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने की कोशिश की लेकिन अंततःउन्हें अपने किए की सजा मिली।इस मामले ने दिखाया कि भ्रष्टाचार और दुर्व्यवहार के मामलों में किसी भी पद या शक्ति का उपयोग बचाव के लिए नहीं किया जा सकता है।
रिश्वत के रुपए लेकर भागने की कोशिश
एक अन्य मामले में नवीन अवस्थी ने बताया कि उन्होंने एक शातिर रेंजर को पकड़ने की कोशिश की थी।हालांकि रेंजर ने रिश्वत के रुपए लेकर भागने की कोशिश की और लोकायुक्त टीम को चकमा देने में सफल रहा।बाद में टीम ने सबूत जुटाए और आरोप सिद्ध करने में सफल रही,इस मामले में रेंजर की चालाकी और भागने की कोशिश ने जांच को और भी जटिल बना दिया था।
पितृभक्त पटवारी की कहानी
नवीन अवस्थी ने बताया कि एक बार उन्होंने एक पितृभक्त पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की थी,पटवारी ने अपने दृष्टिबाधित पिता की सेवा की थी और उनकी देखभाल की थी।नवीन अवस्थी को यह बात छू गई और उन्होंने एसपी से कहा कि वे अब ऐसे ट्रैप पर नहीं जाना चाहते हैं।इसके बाद उन्होंने दिव्यांगों के लिए छोटे-छोटे काम शुरू कर दिए और उनकी मदद करने की कोशिश की।इस मामले ने नवीन अवस्थी को एक नए दृष्टिकोण से सोचने के लिए प्रेरित किया और उन्हें समाज सेवा के प्रति और भी संवेदनशील बनाया।
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में नवीन अवस्थी का योगदान
नवीन अवस्थी के अनुभव और उनकी संवेदनशीलता ने उन्हें एक सच्चे लोकसेवक के रूप में स्थापित किया है,जिन्होंने अपने करियर में न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी, बल्कि समाज के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी को समझा और निभाया।उनकी कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए काम कर रहे हैं।
