मध्यप्रदेश में वेतन गड़बड़ी पर बड़ा एक्शन:45 हजार कर्मचारियों का डेटा होगा खंगाला...
मध्यप्रदेश में 45 हजार से अधिक कर्मचारियों और अधिकारियों के चार महीने से वेतन नहीं निकाले जाने के मामले में बड़ा एक्शन लिया गया है।राज्य सरकार ने कोषालय अधिकारियों को डेटा टेस्टिंग के निर्देश दिए हैं।यह जांच स्टेट फाइनेंसियल इंटेलिजेंस सेल (एसएफआईसी)द्वारा की जा रही है,जो पैसों के लेन-देन की मॉनिटरिंग करती है।एसएफआईसी की महत्वपूर्ण भूमिका
एसएफआईसी मध्यप्रदेश सरकार के आयुक्त कोष एवं लेखा कार्यालय के अंतर्गत काम करती है,यह सेल नियमित अंतराल पर कोषालय के डेटा का एनालिसिस करती है,जिसमें कर्मचारियों के वेतन आहरण की मॉनिटरिंग भी शामिल है।एसएफआईसी ने ही इस गड़बड़ी का पता लगाया है और सरकार को सूचित किया है,जिसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है।
डेटा परीक्षण और निरीक्षण का काम शुरू
सरकार ने नियमित और दैनिक वेतन भोगी,स्थायी, संविदा व आउटसोर्स,नॉन रेगुलर कर्मचारियों के डेटा का परीक्षण आईएफएमआईएस सॉफ्टवेयर से करने का निर्णय लिया है।आयुक्त कोष एवं लेखा द्वारा सभी कोषालय, आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को समय-समय पर पत्र लिखकर डेटा की पुष्टि के लिए निर्देश दिए गए हैं।
15 दिन में कारण बताना होगा
आयुक्त कोष एवं लेखा कार्यालय द्वारा सभी कोषालय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को संबंधित डेटा प्रदान कर 15 दिन में कारण सहित एंट्री कराएं कि उनके द्वारा वेतन किस कारण से नहीं निकाला जा रहा है।यदि डेटा के सत्यापन में कोई गलती जानकारी में आती है तो संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा के माध्यम से तत्काल प्रतिवेदन भेजा जाना होगा।
पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की कवायद
आयुक्त कोष एवं लेखा कार्यालय के अनुसार,रेगुलर और नॉन रेगुलर एम्पलाई के डेटा परीक्षण और निरीक्षण एक सामान्य और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।इसका उद्देश्य कर्मचारियों के वेतन की गड़बड़ी को पकड़ना और उसे सुधारना है,साथ ही सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है।
