जबलपुर, कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने आज महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर जिले से कुपोषण को दूर करने विशेष रणनीति बनाने पर जोर दिया है । श्री शर्मा ने कहा कि अति कम वजन के बच्चों का डेटा बेस तैयार करना होगा तो कुपोषण के कारणों को जानना होगा और उन्हें दूर करने के जमीनी स्तर पर प्रयास करने होंगे ।
कलेक्टर ने अति कम वजन वाले बच्चों के तैयार किये जाने वाले डेटा बेस में माता-पिता की आय के साधन और उपलब्ध सुविधाओं को भी दर्ज करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे के माता-पिता की आर्थिक स्थित खराब है तो अलग-अलग विभागों से समन्वय स्थापित कर उन्हें पात्रतानुसार शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाया जाये ।
कलेक्टर ने बैठक में अति कम वजन के बच्चों के पर्सनल केयर पर बल देते हुये कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता एवं सुपरवाइजर को इसकी जिम्मेदारी देनी होगी । आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता एवं सुपरवाइजर ऐसे बच्चों के परिवार से लगातार सम्पर्क में रहें और माता-पिता को समय-समय पर उचित सलाह भी दें। उन्होंने अतिकम वजन के बच्चों को पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराने के भी निर्देश भी दिये। श्री शर्मा ने कहा कि यदि बच्चा स्वास्थ्यगत कारणों से कुपोषित है तो इस बारे में भी जानकारी एकत्र की जाये ताकि समय पर उनका उपचार कराया जा सके । उन्होंने माता-पिता को बच्चे की बेहतर देखभाल के तौर-तरीकों के प्रति जागरूक करने की जरूरत भी बताई ।
श्री शर्मा ने बैठक में कहा कि अति कम वजन वाले बच्चों के पर्सनल केयर करने की रणनीति में कामयाब हुये तो बच्चों में कुपोषण को दूर करने में काफी हद तक कामयाब हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि अगली बैठक में जमीनी स्तर के अधिकारियों से भी चर्चा करेंगे और अतिकम वजन के बच्चे के स्वास्थ्य में हुये सुधार की समीक्षा करेंगे। कलेक्टर ने बैठक में अति कम वजन वाले बच्चों के साथ-साथ कम वजन वाले बच्चों के परिवारों को उपलब्ध कराये जा रहे पूरक पोषण आहार की जानकारी भी ली । श्री शर्मा ने बैठक में निजी भवनों में लग रहे आंगनबाड़ी केंद्रों को निकट के शासकीय भवनों में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव भेजने के निर्देश भी दिये ।
कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई इस बैठक में जिला पंचायत की सीईओ प्रियंक मिश्रा एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी एम एल मेहरा भी मौजूद थे । बैठक में बताया गया कि जबलपुर जिले में अति कम वजन के बच्चों की संख्या में लगातार सुधार हो रहा है । फरवरी माह में जहां जिले में अति कम वजन वाले बच्चों की संख्या 2361 थी वो सितम्बर माह में 1702 हो गई है ।
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