डॉ. हर्षवर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड के पांचवें विशेष सत्र की अध्यक्षता की।
‘पूरे विश्व में लिए चिकित्सीय, निदान और रोगप्रतिरक्षण ही इस महामारी से बचने का एकमात्र उपाय है’
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्यकारी बोर्ड के पांचवें विशेष सत्र की वर्चुअली अध्यक्षता की। पर्यवेक्षक प्रतिभागी और डब्ल्यूएचओ मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक के एजेंडे में कोविड-19 से निपटने के क्रम में डब्ल्यूएचए 73.1 संकल्प के पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपायों पर ध्यान केंद्रित करना शामिल था।
डब्ल्यूएचए73.1 शीर्षक का संकल्प "कोविड-19 से निपटना" 130 से अधिक देशों द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था और महामारी को नियंत्रित करने और वायरस से निपटने के लिए सभी आवश्यक स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों और उत्पादों के न्यायसंगत उपयोग के प्रयासों पर जोर देने की मांग की गई थी।
शुरुआत में डॉ. हर्षवर्धन ने प्रतिभागियों का स्वागत कियाऔर उन लोगों के लिए अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की, जिन्होंने महामारी के कारण अपना जीवन गंवाया और जो निरंतर और निस्वार्थ रूप से इसके लिए संघर्ष में जुटे हुए हैं।
महामारी फैलने के कारण वैश्विक संकट को याद करते हुए, उन्होंने कहा, "आज ऐसी विषम परिस्थितियां हैं, जिन्होंने हम सभी को वर्चुअली मिलने के लिए मजबूर कर दिया है। सरकार, उद्योगजगत और परोपकारियों को मिलकर इससे जुड़े जोखिम, अनुसंधान, विनिर्माण और वितरण के प्रति भुगतान हेतु संसाधनजुटाना चाहिए, बशर्ते, पुरस्कार सभी के लिए उपलब्ध होने चाहिए, फिर चाहे वे जहां भी विकसित किए गए हों।’’
उन्होंने कहा, "आपदा जोखिम में कमी लाने और प्रबंधन के लिए जोखिमों की प्रारंभिक और पारदर्शी पहचान और संचार के साथ-साथ लोगों में निवेश करने और स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत बनाने, बहु-क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने, त्वरित अनुसंधान और विकास के प्रयास और तर्कसंगत योजनाओं के कार्यान्वयन की आवश्यकता होगी।"